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Hyphenated version in Devanāgarī



             शव  ा यु ो य द भव त श ᳶ प्रभ वतुम्

                                      ु
            न चेदेव देवो न खलु कशलस्   तुम प ।
                     ं
            अत ामारा ां हिर-हर- विर ा द भर प

                                       ृ
            प्रण ुं  ोतुं वा कथमकत-पु ᳶ प्रभव त ॥ १ ॥


                                            े
            तनीयांसं पांसुं तव चरण-प रुह-भवम्
             विर      न्  वरचय त लोकान वकलम् ।

                                              े
            वह ेनं शौिरᳲ कथम प सहस्रण  शरसाम्

            हर   ैनं भज त भ सतो ूलन व धम् ॥ २ ॥



            अ व ानाम    मर- म हर- ीप-नगर

            जडानां चैत - बक-मकर -स्र तझर  ।
                                                 ु
            दिरद्राणां  च ाम ण-गुण नका ज -जलधौ


             नम ानां दं  ्र ा मुर-िरपु-वराह  भव त ॥ ३ ॥


             द ᳶ पा ण ामभय-वरदो दैवत-गणः

             मेका नैवा स प्रक टत-वराभी  भनया ।

            भयात् त्रातुं दातुं फलम प च वा ा-सम धकम्


            शर े लोकानां तव  ह चरणावेव  नपुणौ ॥ ४ ॥


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